स्वतन्त्रता की भेंट
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गुलदस्ता करूँ मैं भेंट
आज का दिन सुहाना-सा है
जम्मू से कन्याकुमारी
गुजरात से अरुणांचल तक का
हर फूल सजाया है
हृदय की महक
धर्मों की भाषा
त्यौहारों,रीति-रिवाजों
रंग रूपों का आवरण
अकूत खजाना - सा है
प्रेम के धागे में
इन फूलों को
सजाना-सा है
आज स्वतंत्रता दिवस है
गुलदस्ता करूँ मैं भेंट
आपको -
आज का दिन सुहाना सा है.
(१५ /८ /२०१३ ,दिल्ली ) मुन्ना साह
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