"भारतीय शोधार्थी मंच" के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रांगड़ में (मुन्ना साह का) काव्य-पाठ

मंच के संचालक  शोधार्थी रामनरेश राम, हिंदी विभाग के सुधी शोधार्थी अनुपम सिंह, रेखा जी, प्रीति जी, रवींद्र प्रताप सिंह, विनोद कुमार विद्यार्थी, अमर नाथ गुप्त, वीरेंद्र कुमार मीणा तथा अनेक शोधार्थी  भिन्न-भिन्न विषय के मौजूद थे , प्रथम कविता  "माँ" की काफी समय तक समीक्षा होती रही, 'मृत्यु' और 'डेहरी' कविता ने जीवन का सत्य तथा ग्रामीण संस्कृति को उद्घाटित कर सुखद एवं यथार्थ अनुभूति का बोध कराने में सफलता हांसिल की , रेखा जी के शोध विषय पर चर्चा के साथ मंच का समापन हुआ।






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