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प्यार भरे शब्द

क्यों अहम में मतवाले हो? छीनने को उत्सुक किसी की थाली से रोटी! वह तो देखने तक नहीं गया कि तुम्हारे डिनर में सजे हैं किन-किन जानवरों की बोटी! सामंती कुंठाओं को त्याग कर इंसान क्यों न बन जाते? मुंह फुलाकर श्रेष्ठता का अहम पालना! किसी के रास्ते में कांटे बिछाना क्या तुम्हें अच्छा लगता है? ऐसी सोच है तो तुम इंसान बनने से रहे! लोकतंत्र है भाई सबको खुशीपूर्वक जीने दो! तुम जरा ऐंठन में नर्मी लाओ तो यश पाओगे! वर्ना देश की कई रियासतें धुल फांक रही हैं ! फिर तुम्हारा क्या अस्तित्व है एक बात बहुत अच्छी है! मीठी वाणी बोलिए ! सिर्फ बोलना ही तो है- प्यार भरे, अपनत्वपूर्ण शब्द ज्ञान बघारने से कोई इंसान नहीं बनता प्यार भरे शब्दों से बनता है! ***** × *****