नागफनी
अक्सर तुम गमले में सजाये हुये दिखते हो नागफनी ! कांटो से भरे हरे - हरे तुम्हारी सुंदरता और शौम्यता अरुण अद्भुत फूलों में जिसे खिलने नहीं दिया जाता तुम कब खिलते हो ? रबी फसलों के साथ कि खरीफ के वक्त सूख से गए हो ! छिन गया है तेरा वजूद मजदूर कि भांति जो दूसरे कि शोभा बढ़ाने में कृषकाय हुआ है तुम्हारी तरह तुम स्थिर हो गए हो मजदूर स्थिर नहीं है ! तुम्हारे फूल छिने गए मजदूर के मूल !